Friday 10 April 2020

भारत का इतिहास :- भारत के यवन राज्य

भारत पर आक्रमण करनेवाले विदेशी आक्रमणकारियों का क्रम है-

हिन्द-यूनानी >शक -> पहलुव कुषाण ।

> सेल्युकस के द्वारा स्थापित पश्चिमी तथा मध्य एशिया के विशाल साम्राज्य को इसके उत्तराधिकारी ऐन्टिओकस प्रथम ने अक्षुण्ण बनाए रखा। एन्टिओकस-II के शासनकाल में विद्रोह के फलस्वरूप उसके अनेक प्रांत स्वतंत्र हो गए।
बैक्ट्रिया के विद्रोह का नेतृत्व डियोडोट्स प्रथम ने किया था। बैक्ट्रिया पर डियोडोट्स प्रथम के साथ इन राजाओं ने क्रमशः शासन किया-डियोडोट्स-II, यूथिडेमस्, डेमिट्रियस, मिनेण्डर, युक्रेटाइडस, एण्टी आलकीडस तथा हर्मिक्स।
> भारत पर सबसे पहले आक्रमण बैक्ट्रिया के शासक डेमिट्रियस ने किया इसने 190 ई० पू० में भारत पर आक्रमण कर अफगानिस्तान, पंजाब एवं सिंध के बहुत बड़े भाग पर अधिकार कर लिया। इसने शाकल को अपनी राजधानी बनायी इसे ही हिन्द-यूनानी या बैक्ट्रियाई यूनानी कहा गया।
> हिन्द-यूनानी शासकों में सबसे अधिक विख्यात मिनान्डर (165-145 ई० पू०) हुआ। इसकी राजधानी शाकल (आधुनिक सियालकोट) शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।
> मिनान्डर ने नागसेन (नागाजर्जुन) से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।
> मिनान्डर के प्रश्न एवं नागसेन द्वारा दिए गए उत्तर एक पुस्तक के रूप में संगृहीत हैं, जिसका नाम मिलिंन्दपन्हो अर्थात् मिलिंद के प्रश्न या मिलिन्दप्रश्न' है।
> हिन्द-यूनानी भारत के पहले शासक हुए जिनके जारी किए सिक्कों के बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सिक्के किन-किन राजाओं के हैं।
> भारत में सबसे पहले हिन्द-यूनानियों ने ही सोने के सिक्के जारी किए।
> हिन्द-यूनानी शासकों ने भारत के पश्चिमोत्तर सीमा-प्रांत में यूनान की प्राचीन कला चलाई, जिसे हेलेनिस्टिक आर्ट कहते हैं। भारत में गंधार कला इसका उत्तम उदाहरण है।




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