दृष्टिदोष
दृष्टिदोष आँखो की असामान्य बनावट के कारण
होता है अधिक समय तक लगातार पुर्तक, मोबाईल अथवा विडियो देखने से यह दोष होने की
संभावना बढ़ जाती है ।
निम्नलिखित लक्षण देखकर आप बच्चों में दृष्टिदोष पहचान सकते हैं-
* यदि आप नजदीक या दूर की वस्तू को सही तरह से देख पाने
में असमर्थ हैं जैसे कि ब्लैक बोर्ड।
* घुंघली दृष्टि।
* नजदीक का काम
करते समय सरदर्द की शिकायत।
* बच्चे द्वारा
पढ़ाई में रूचि नहीं लेना।
* उपयुक्त चमें
द्वारा इसको निश्चित रूप से ठीक किया जा सकता है।
* आई.जी.एल
रोशनी प्रोजेक्ट के द्वारा मुफ्त में आँखों की जाँच और चश्मे दिए जाते है।
मोतियाबिंद
यह स्थिति मुख्यतया उम्र अधिक हो जाने पर पैदा होती है ।
कुछ बच्चों में ये जनमजात पाया जाता है।
ऑपरेशन द्वारा मोतियाबिन्द के कारण होने
वाली दृष्टिविहीनता से बचा जा सकता है। मोतियाबिन्द का ऑपरेशन सुरक्षित एवं आसान
है
सकेत और लक्षण
* दृष्टि में धीरे-धीरे कमी ।
* नेत्र की पुतली धुंधली हो जाती है।
* इस बीमारी में आँखों में दर्द नहीं होता है ।
* मोतियाबिन्द के अधिक पकने के प्रतिक्षा न करें।
* तुरन्त नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करें ।
लेजी आई (Amblyopia) मंददृष्टि
* लेजी आई को एम्बलाइयोपिया भी कहा जाता है।
* यह एक ऐसा दृष्टि विकार है जिसमें चश्मे या कांटेक्ट लेस
की मदद से भी साफ नहीं दिखता है ।
* एम्बलाइयोपिया शिशु अवस्था और प्रारंभिक बचपन के दौरान
शुरू हो जाता है ।
*आँख मे
पर्याप्त रोशनी ना जा पाना।
* बच्चा जितना छोटा हो उपचार उतना ही अधिक प्रभावी रूप से
हो सकता है।
* बच्चे की आयु 8 वर्ष होने के बाद, दृष्टि में
सुधार की संभावना काफी कम हो जाती है ।
* ऑँख की जिस समस्या के कारण मंददृष्टि हो रही है उसका
इलाज करना।
* प्रभावित आँखो को काम करने के लिए प्रेरित करना।
* तुरंत आँखों के चिकित्सक को दिखाएँ।
भैगापन (Cross-Eyes) क्या होता है।
* भँगापन में
आंखें एक वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने के लिए साथ काम नहीं कर पाती है।
* आँखें अलग-अलग दिशाओं में देखती है ।
*ऑँखों का एक
समय में एक दिशा में न देख पाना।
* आप में भैंगापन के लक्षण विकसित हो रहे हों, तो इसे तुरंत आँखों के चिकित्सक को दिखाएँ।
* भैंगापन तब होता है जब आँखों की मांसपेशियां आँखों की गतिविधयों को
नियंत्रित करने के लिए ठीक से काम नहीं कर पाती हैं।
मायोपिया (निकटदृष्टि) क्या है
मायोपिया (निकट दृष्टि) एक आम दृष्टि की
समस्या है, जिसमें आप पास की वस्तुओं को स्पष्ट
* देख पाते हैं, लेकिन दूट की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती
हैं।
* स्पष्ट रूप से देखने के लिए तिरछा देखना या पलकौं को कुछ बंद करना।
*आँखों पर
अत्यधिक दबाव के कारण सिर दर्द होना ।
* तुरंत आँखों के चिकित्सक को दिखाएँ।
आँखों की रोशनी बढ़ाने वाले आहार
हरी पत्तेदार सब्जियां
ऐसे फल और सब्जियां जिनमें अधिक मात्रा में
विटामिन – A,C,E और बीटा
कैरोटीन शामिल शामिल होता है, उन्हें अपनी
डाईट में शामिल कीजीय पीले रंग की सब्जियाँ हमें दिन की रोआशमी में ठीक देखने की
क्षमता देती है
विटामिन A,C,E वाले आहार
लहसुन और प्याज, सोया मिल्क, गाजर, शिमला मिर्च, मेव, डेयरी प्रोडक्ट, मछली इत्यादि।
एनीमिया Anemia (खून की कमी)
एनीमिया तब होता है जब रक्त में पर्याप्त
लाल रक्त कोशिकाएं या हिमोग्लोबिन नहीं होता है। एनीमिया के लक्षण जैसे थकान तब
महसूस होता हैं जब शरीर को पार्यप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता
एनीमिया के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है:-
* भूख ज लगना/जल्दी थक जाना/ सांस फूलना।
* आंखों की
निचली पलक के अन्दर के हिस्से का सफेद/फीका पड़ना।
* जाखूनों का सफेद/फीका पड़ना।
* जीभ का सफेद/फीका दिखना।
* पैरों में सूजन आना।
खून की कमी (एनीमिया) में क्या खाना चाहिए ?
पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मास, मूंगफली
के मक्खन, टमाटर, अंडे, अनार, बीज और सूखे
मेवे, सीफ़ूड, शहद, नींबू, सेब, खजूर
मानसिक रोग क्या है?
ऐसी कार जो आप की मनोदशा सोच और व्यवहार को प्रभावित करते हैं
मानसिक रोग तो कई प्रकार के होते हैं
v * नशा मुक्ति एवं पुनर्वास
v * उलझन संबंधी समस्याएं
v * याददाश्त संबंधी समस्याओं
v * मनोविकृति
v * नींद संबंधी समस्याएं
- नींद कम या ज्यादा आना
- ज्यादा सपने देखना
- नींद में चलना या बोलना
v * डिप्रेशन और तनाव
- काम करने का मन न करना,
- रोना,
- आत्मविश्वास की कमी,
- चिड़चिड़ापन,
- मन उदास रहना,
- नकारात्मक विचार,
- आत्महत्या का ख्याल आना
v * बाल एवं किशोरावस्था संबंधी समस्यायें
- बच्चों की शैतानी,
- पढ़ाई में कमजोर होना,
- जिद्दीपन व्यवाहरिक समस्याएं जैसे झूठ बोलना/चोरी करना,
- मारपीट या गुस्सा करना,
- हकलाना,
- नींद में बिस्तर गिला करना,
- नशा करना,
- आर्टिज्म आई-क्यू की जाँच
नेत्रदान
भारत में 30 लाख से ज्यादा दृष्टि बच्चों की
दृष्टि नेत्रदान द्वारा वापस आ सकती है हर साल देश में लगभग 2.5
लाख से ज्यादा नेत्रदान की जरूरत होती है जबकि सिर्फ 25 हजार नेत्रदान ही हो पाते हैं आज ही नेत्रदान के लिए
आवेदन करें ताकि मरणो उपरांत भी आपके की नेत्र ज्योति बने रहे
स्वस्थ दांतो के लिए !
* र्दनाक दाँत हो तो
* मसूड़ों से खून बहे तो
* दांत का हिलना
* मुंह से बुरा गंध * दांतों में खाना फस जाए तो
* दांतो के रंग में बदलाव हो तो
* दांत के बीच की जगह * दांत के बिच की जगह
* दाँत बराबर नहीं रहें तो
* ज्यादा गर्म या ठंडा खाना लेने पर सेंसटिविटी
* दिन में एक से दो बार ब्रश करें
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