Friday 6 March 2020

मंगल और चांद पर नजर

मोटे तौर पर हर 2 साल में पृथ्वी और मंगल की कक्षाएं सामान्य से अधिक नजदीक आती है अंतरिक्ष एजेंसियां उस दौरान मंगल ग्रह पर मिशन भेजती है और वर्ष 2020 में 4 ऐसे प्रेक्षपण पर निर्धारित है

यदि आप अंतरिक्ष से संबंधित खबरों और खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं, तो देखा होगा कि पिछले वर्ष ऐसी घटनाओं में कोई कमी नहीं रही। खगोलविदों ने मानवता को ब्लैक होल की पहली छवि प्रदान की। चीन चद्रमा की सतह पर दूर तक उतरा। और अपोलो 11 के चांद पर उतरने की 50वीं वर्षगांठ ने अमेरिका को अंतरिक्ष में अपने भविष्य के प्रति तत्पर रहने के लिए प्रेरित किया। नए वर्ष में भी ऐसी घटनाओं में कमी नहीं रहने वाली है। मंगल ग्रह के लिए कम से कम चार मिशन इस बार गर्मी में पृथ्वी से उड़ान भरेंगे। नासा अंततः स्पेसएक्स और बोइंग द्वारा निर्मित कक्षा के समीप स्थित कैप्सूल में अंतरिक्षयात्रियों को भेज सकता है। इसके अलावा हम इंटरस्टेलर धूमकेतु बोरिसोव के बारे में अधिक जानकारी पाने की उम्मीद कर सकते हैं। निजी कंपनियां भी अंतरिक्ष में नई क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए काम कर रही हैं। 


यहां हम आगे होने वाले कुछ लान्चेज, अंतरिक्ष विज्ञान तथा अन्य घटनाओं पर गौर कर रहे हैं मोटे तौर पर हर दो साल में पृथ्वी और मंगल की कक्षाएं सामान्य से अधिक नजदीक आती हैं। अंतरिक्ष एजेंसियां उस दौरान मंगल ग्रह पर मिशन जती हैं और वर्ष 2020 में चार ऐसे प्रक्षेपण निर्धारित हैं। इनमें से तीन मिशन रोवर लेकर जाएंगे। अमेरिका जल्द ही नाम बदलकर मासं 2020 रोवर्स लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें एक छोटा हेलिकॉप्टर भी है। यह जेजेरो क्रेटर मेंउतरने की कोशिश करेगा. जो कभी झील में समाहित था और अगर वहां कभी जीवन था, तो जीवन के साक्ष्य को संरक्षित कर सकता था। चौन, यूरोप और रूस ने मंगल ग्रह की सतह पर कोई रोवर तैनात नहीं किया है, लेकिन वे इसकी कोशिश कर सकते हैं। चीन के मिशन, जो मंगल ग्रह के लिए उसका पहला मिशन है, में एक रोवर के अलावा एक ऑर्बिटर भी शामिल है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी और रूस ने रोजालिंड फ्रैंकलिन रोवर के निर्माण के लिए सहयोग किया है। इस रोवर को संयुक्त अरब अमीरात द्वारा संचालित एक ऑर्बिटर होप के ज़रिये मंगल पर भेजा जा सकता हैj यदि यह सफल होता है तो यह अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए एक नए मॉडल का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जिसमें छोटे, धनी देश अंतरिक्ष में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए के लिए भुगतान कर सकते हैं।

2019 में नासा ने दो निजी कंपनियों, स्पेसएक्स और बोइंग द्वारा निर्मित कैप्सूलों में अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की उम्मीद की थी, लेकिन लगातार देरी ने इसे एक और वर्ष के लिए आगे बढ़ा दिया। नासा का कमर्शियल क्रू प्रोग्राम आखिरकार 2020 में अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन 11 जनवरी को बिना क्रू के अपने इन-फ्लाइट अबोर्ट सिस्टम का परीक्षण करने वाला है। अगर यह परीक्षण सफल रहता है, तो कैप्सूल शीघ्र ही अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन ले जा सकता है। रिचर्ड ब्रैनसन द्वारा संचालित स्पेस-प्लेन कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक ने पिछले 13 महीनों में चालक दल के साथ दो सफल परीक्षण उड़ानों का संचालन किया। नए वर्ष में कंपनी अपने पहले यात्रियों को अंतरिक्ष के कगार पर ले जा सकती है। 

अमेजन के जेफ बेजोस द्वारा स्थापित ब्लू ओरिजिन कंपनी भी ऐसा कर सकती है। अन्य निजी कंपनियां भविष्य में इंटरनेट सेवा के लिए पृथ्वी की कक्षा की तरफ नजर गड़ाए हुई हैं। स्पेसएक्स ने 2019 में 120 स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं और 2020 में इससे भी ज्यादा सैटेलाइट लॉन्च कर सकती है। उसकी एक प्रतिस्पर्धी कंपनी क्नवेब भी आने वाले वर्षों में पृथ्वी की कक्षा में कई सैटेलाइट भेज सकती है। ये कंपनियां ऑर्बिटल इंटरनेट के लिए चमकदार राह बना रही हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे अमेजन और एप्पल भी कर रही हैं। लेकिन इससे खगोलविद परेशान हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि इंटरनेट सैटेलाइट की इतनी ज्यादा मौजूदगी सौर मंडल और तारों के वैज्ञानिक अध्ययन को बाधित करेंगी। सितंबर, 2019 में बोरिसोव 2 आई नामक धूमकेतु को हमारे सौरमंडल में देखा गया था, जिससे दूसरी बार इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की पुष्टि हुई। इससे पहले 2017 में ओउमुआमुआ को देखा गया था।

कुछ खगोलविदों के मुताबिक, अगर यह सूर्य की गर्मी से टुकड़ों में बिखर नहीं गया, तो 2020 में भी वैज्ञानिक इस पर लगातार नजर रखेंगे, क्योंकि यह सितारों से बाहर की ओर गति कर सकता है। जापान के हायाबुसा 2 अंतरिक्ष यान ने पिछले साल पृथ्वी के निकट स्थित क्षुद्रग्रह रेयगु का कई बार करीब से सामना किया। उसने रेगयु की सतह से दो बार नमूने इकट्ठा किए। इस वर्ष के अंत के करीब यह अपने नमूनों को पृथ्वी की सतह पर वापस लाने की कोशिश करेगा, ऑस्ट्रेलियाई आउटबैक में। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस सामग्री के अध्ययन से सौर मंडल के प्रारंभिक दिनों का सुराग मिल सकता है। नासा के ओसिरिस-रेक्स ने भी चट्टानों से भरे क्षुद्रग्रह बीनू के एक करीबी सर्वेक्षण को पूरा करने में पूरा वर्ष बिताया। 

चीन ने 2019 की शुरुआत चंद्रमा की सतह पर लैंडिग से की, यह ऐसी उपलब्धि थी, जिसकी कोशिश दुनिया की किसी भी स्पेस एजेंसी ने नहीं की थी। यह एक अच्छी खबर थी। अप्रैल में दूसरा द्रयान बेयरशीट (इस्तराइली गैर लाभकारी संस्था द्वारा निर्मित) चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया| और फिर सितंबर में भारतीय स्पेस एजें सी द्वारा निर्मित विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 2020 के खत्म होनेसे पहले चंद्रमा पर पृथ्वी से एक और आगंतुक पहुंच सकता है। चीन द्वारा निर्मित रोबोटिक प्रोब चैंग-ई 5 का उद्देश्य चंद्रमा की चट्टान और मिट्टी के नमूने एकत्र करने और उसे धरती पर जने का है । पिछली बार चांद की सतह से नमूने 1976 में सोवियत अंतरिक्ष यान ने एकत्र किए थे। नासा का लक्ष्य आर्टेमिस नामक एक कार्यक्रम के जरिये 2024 तक पहली महिला और फिर पुरुष को चंद्रमा पर उतारना है। हालांकि इस महत्वाकांक्षी समयसीमा को पूरा तकनीकी बाधाएं हैं।

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