Tuesday 7 April 2020

भारत का इतिहास :- वैष्णव धर्म

वैष्णव धर्म

> वैष्णव धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी उपनिपदों से मिलती है। इसका विकास भगवत धर्म से हुआ।

> वैष्णव धर्म के प्रवर्त्तक कृष्ण थे, जो वृषण कबीले के थे और जिनका निवास स्थान मथुरा था।
> कृष्ण का उल्लेख सर्वप्रथम छांदोग्य उपनिषद् में देवकी पुत्र और अगिरस के शिष्य के रूप में हुआ है।
> विष्णु के दस अवतारों का उल्लेख मत्स्यपुराण में मिलता है । दस अवतार इस प्रकार है-मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, वलराम, युद्ध एवं कल्कि। वैष्णव धर्म में ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक महत्त्व भक्ति को दिया गया है।



प्रमुख सम्प्रदाय, मत एवं आचार्य :-

प्रमुख सम्प्रदाय  मत   आचार्य
वैष्णव सम्प्रदाय विशिष्टाद्वैत  रामानुज
ब्रह्म सम्प्रदाय द्वैत  आनन्दतीर्थ
रुद्रर सम्रदाय  शुद्धाद्वैत  वल्लभाचार्य
सनक सम्रदाय  द्वैताद्वैत निम्बार्क

प्रमुख सम्प्रदाय संस्यापक एवं पुस्तक :-

प्रमुख सम्प्रदाय संस्थापक पुस्तक
बरकरी  नामदेव
श्रीवैष्णव रामानुज ब्रह्मसूत्र
परमार्थ रामदास दासबोध
रामभक्त रामानंद अध्यात्म रामायण
अन्य ब्लॉग लिंक :- भारत का इतिहास :- शैव धर्म

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