बहमनी राज्य
> मुहम्मद बिन तुगलक के शासन काल में 1347 ई० में हसनगंग ने बहमनी राज्य की स्थापना की। वह अलाउद्दीन हसन बहमन शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा ।> इसने अषनी राजधानी गुलबर्गा को वनाया। इसकी राजभाषा मराठी थी।
> इसने अपने साम्राज्य को चार प्रान्तों में गुलबर्गा, दौलताबाद, बरार एवं वीदर में बॉँटा ।
> इसकी मृत्यु 11 फरवरी, 1358 ई० को हो गयी।
> अलाउद्दीन हसन के पश्चात उसका पुत्र मुहम्मदशाह प्रथम सुल्तान बना। इसके काल में ही सबसे पहले बारूद का प्रयोग अलाउद्दीन मुजाहिद शाह (बुक्का के विरूद्ध) हुआ।
> भीमा नदी के तट पर फिरोजाबाद की मुहम्मद शाह द्वितीय
स्थापना ताज-उद्दीन फिरोज ने की थी। फिरोज खगोलिकी को प्रोत्साहन देता था शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम और उसने दौलताबाद के पास एक वैधशाला बनवाई थी।
बहमनी वंश के प्रमुख शासक :-
मुहम्मद शाह प्रथम | (1358-1375 ई०) |
अलाउद्दीन मुजाहिद शाह | (1375-1378 fo). |
दाऊद प्रथम | (1378 ई०) |
मुहम्मद शाह द्वितीय | (1378-1397 ई०) |
ताज़-उद्दीन-फिरोज | (1397--1422 ई०) |
शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम | (1422-1436 fo) |
अलाउद्दीन अहमद -II | (1436-1458 ई०) |
सुल्तान शम्सुद्दीन मुहम्मद-II | (1463-1482 ई०) |
> शिहाबुद्दीन अहमद प्रथम ने अपनी राजधानी गुलबर्गा से हटाकर बीदर में स्थापित की । इसने बीदर का नया नाम मुहम्मदाबाद रखा ।
> मुहम्मद-III के शासन-काल में 'ख्वाजा जहाँ' की उपाधि से महमूद गँवा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
> महमूद गरवाँ ने बीदर में एक महाविद्यालय की स्थापना कराई। रियाजुल इन्शा नाम से महमूदगवाँ के पत्रों का संग्रह किया गया।
> 1417 ई० में रूसी यात्री निकितन बहमनी साम्राज्य की यात्रा पर आया। इस समय बहमनी राज्य पर ताज-उद्दीन-फिरोज का शासन था।
> बहमनी साम्राज्य के चारों प्रांतों (तरफों या अतरफों) के प्रांतपति (तरफदार) उसके विरुद विशेष से जाना जाते थे-
1. दौलताबाद का तरफ़दार : मसनद्-ए-आली
2. बरार का तरफ़दार : मरजलिस-ए-आली
4. गुलबर्गा का तरफ़दार : मालिक नायब
3. बीदर का तरफ़दार : अजाम-ए-हुमायूँ
> बीजापुर गुलबर्गा तराफ़ में शामिल था। यह सबसे महत्त्वपूर्ण तराफ़ था।
> कलीमउल्लाह बहमनी वंश का अंतिम शासक था। इसकी मृत्यु के समय बहमनी राज्य पाँच स्वतंत्र राज्यों में बँट गया ।
इन स्वतंत्र सज्यों से संबंधित विवरण इस प्रकार है-
राज्य | वंश | संस्थापक | स्वापना वर्ष |
1. बीजापुर | आदिल शाही | युसूफ आदिल शाह | 1489 ईo |
2. अहमदनगर | निजामशाही | मलिक अहमद | 1490 ईo |
3. बरार | इमादशाही | फतेहउल्लाह इमादशाह | 1490 ईo |
4. गोलकुण्डा | कुतुबशाही | कुलीक़ुतुबशाह | 1512 ईo |
5. बीदर | बारिद्शाही | अमीर अली बरिद | 1526 ईo |
> मुहम्मद प्रथम के मंत्री सैफुट्दीन गौरी ने केन्द्रीय शासन का कार्य कई विभागों में विभक्त किया और उसे आठ मंत्रियों को नियुक्त किया, जो इस प्रकार थे -
1. वकील ए-सल्तनत : दिल्ली के मलिक नायब के समान ।
2. बजील-ए-कुल : सभी मंत्रियों के कार्यों का निरीक्षण (वरकील को छोड़कर) ।
3. अमीर-ए-जुमला : अर्थ विभाग का अध्यक्ष ।
4. वजीर-ए-अशरफ : विदेश नीति एवं दरबार संबंधी कार्यों का निष्मादन करता था।
5. नाजिर : वह अर्थ विभाग से संबंधित था ।
6. पेशवा : बकील-ए-सल्तनत का सहायक था।
7. कोतवाल : नगर का मुख्य पुलिस अधिकारी था ।
8. सद्रे-ए-जहाँ : न्याय विभाग, धर्म तथा दान विभाग का अध्यक्ष ।
> सुल्तान के महल तथा दरबार की सुरक्षा के लिए विशेष अंगरक्षक सैनिक दल था जिसे साख-ए-खेल कहा जाता था। यह चार भागों या नौबत में विभाजित थे, जिसके मुख्य अधिकारी सर-ए-नौबत होता था।
> बहमनी राज्य में कुल 18 शासक हुए, जिन्होंने कुल मिलाकर 175 वर्ष शासन किया।
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