Tuesday 7 January 2020

बेबी एक्स 2 और नैनो बोटस कमाल की तकनीक



बेबी  एक्स 2 साल की बच्ची... जो स्क्रीन पर जीवंत है

अवतार और क्विंगकांग जैसी फिल्मों में तकनीकी विशेषज्ञों के रूप में काम करने के बाद ऑस्कर पुरस्कार जीतने वाले बायो-इंजीनियर मार्क सेगर ने अपनी कंपनी सोल मशीन के जरिए बेबी एक्स का निर्माण किया। यहां एक 2 वर्षीय लड़की है, वे 2014 से इस पर काम कर रहे हैं। आज यह इतना परिष्कृत हो गई है कि यह बच्चों की तरह उनसे संवाद करने की कोशिश करती है। या  किसी घुटनों के बल चलने वाले बच्चे का जीवंत अनुकरण है यह कंप्यूटर स्क्रीन पर रहती है, मार्क कैमरे के माध्यम से देखती है माइक्रोफोन के माध्यम से सुनती है मार्क की गतिविधियों के अनुसार चेहरे पर भाव लाती है हंसने रोनी  जैसी प्रतिक्रियाएं और बोलना भी सब कुछ खुद सिखती हैं किसी ने करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया



नैनो बोट्स नसों मैं सूक्ष्म पनडुब्बीयाँ 
बिना ऑपरेशन के ट्यूमर और थकावट को दूर करने के लिए रक्त वाहिकाओं के रोबोट पनडुब्बियों का परीक्षण किया गया है। इन रोबोट पनडुब्बियों का नाम नैनो बोट है। जल्द ही नैनो बोट रक्त कोषों की जगह ले लेंगी। इसके अलावा, ये नैनोबोट रक्त कणिकाओं की तुलना में हजार गुना अधिक प्रभावी होंगे। नैनो बोट द्वारा रक्त कोशिका की जगह लेने से हमारी क्षमताओं में अप्रत्याशित वृद्धि होगी नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से हमने जैव रासायनिक रास्तों की पहचान की है जो मांसपेशियों को बूढ़ा बनाते हैं। इन मार्गों को बदलकर मांसपेशियों को फिर से जवान बनाया जा सकता है।

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